दिल्ली: पर्यावरण संरक्षण के लिहाज़ से केंद्र सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक को 1 जुलाई से बंद करने का निर्णय लिया है जिसे को हिमाचल प्रदेश सरकार भी लागू करने जा रही है. यह बात विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने प्रदेश पर्यावरण, विज्ञान एवम प्रौद्योगिकी विभाग व हिमकोस्ट द्वारा अयोजित पर्यावरण उत्कृष्टता पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान कही.
इस मौके पर प्रबोध सक्सेना ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर्यावरण संरक्षण को लेकर काफी जागरूक है और प्रदेश सरकार भी समय समय पर्यावरण संरक्षण के लिए कदम उठा रही है. हिमाचल प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने प्लास्टिक के लिफ़ाफे सबसे पहले बंद किए थे. 1 जुलाई से प्रदेश सरकार सिंगल यूज प्लास्टिक को भी लोगों के सहयोग से पुरी तरह से प्रतिबंधित करेगी.
साइकिल रैली का आयोजन
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर हिमकोस्ट ने एक साइकिल रैली का अयोजन भी किया जिसे शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और सिंगल यूज प्लास्टिक को इस्तेमाल न करने की शपथ भी दिलाई. “Only One Earth” की थीम के साथ इस बार विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया. हिमाचल प्रदेश में भी विश्व पर्यावरण दिवस पर अलग-अलग कार्यक्रम अयोजित किए गए.
पर्यावरण को बचाने में मदद मिलेगी
केंद्र सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक खासकर पन्नियों और पानी की बोतलों से पर्यावरण को हो रहे नुकसान को रोकने की दिशा में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी करते हुए सिंगल-यूज प्लास्टिक को चरणबद्ध तरीके से बंद करने की सलाह दी है. केंद्र ने कहा है कि इससे ‘स्वच्छ और हरित’ पर्यावरण को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी. सरकार का कहना है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यावरण मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक देश के 4,704 में से 2,591 शहरी स्थानीय निकायों ने सिंगल-यूज प्लास्टिक को पहले से प्रतिबंधित (Ban) कर रखा है. ऐसे में अब सभी राज्यों (States) और केंद्र शासित प्रदेश (UT’s) मिलकर ये सुनिश्चित करें कि बाकी बचे 2,100 से अधिक निकाय भी 30 जून, 2022 तक हर हाल में इसे प्रतिबंधित कर दे.